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उजाले दुःख ग़ांव रंग लगाना ना सखी देवदास का माहिर लिबास कागले शहर कोयल भेद सफ़ेद काले गोरे hindikavita हिन्दीकविता रंग बदलते लोग यहाँ 52weekswritingchallenge लोगों के मन काले हैं

Hindi काले रंग Poems